नैशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरैशन ने जानकारी देने से किया इनकार।

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दिनांक 9 जुलाई 2022 ! कादियां  

भारत की प्रसिद्ध योग संस्था योग फ्रन्ट संस्था एक लंबे समय से सविधानिक तरीके से योग के लिए विधान लाने के लिए कार्य कर रही है जिसमे समय समय पर उनके द्वारा अलग अलग मंत्रालयों से संपर्क और जानकारी मांगी जाती है। यूं तो मंत्रालयों द्वारा कई बाई जानकारी छिपाने के लिए सूचना देने के लिए ऐसे विभागों को अग्रेषित कर दी जाती है जिनका उस जानकारी के साथ कोई तालुक नहीं होता। परंतु कुछ ऐसे मामले भी सामने आते हैं जहां जानकारी देने से सीधे मना कर दिया जाता है। और जानकारी प्रदान न करने के पीछे तथ्य भी संविधानिक ढूंढ लिए जाते हैं क्यों कि जानकारी उपलब्ध करवाने पर कुछ तथ्यों के बारे मे सबको जानकारी न मिल जाए इस लिए यह सब किया जात है। 

ऐसा ही एक मुद्दा सामने आया है जब संस्था द्वारा राष्ट्रीय खेल अथॉरिटी को आरटीआई के माध्यम से जानकारी के लिए एक पत्र लिखा गया जिसको SAOIN/R/E/22/00160/1 के आरटीआई पत्र संख्या से राष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ को स्थानांतरित किया गया। जिसमे बहुत महत्वपूर्ण कुछ तथ्यों की जानकारी मांगी गई थी जिसका उत्तर देने से महासंघ ने मना कर दिया गया । 

सवाल पूछा गया था:- योग खेलों के लिए जज नियुक्ति के लिए योग मे कौनसी शैक्षिक योग्यता अनिवार्य होती है?

उत्तर:- जन सूचना अधिनियम 2005 के ज्ञापन संख्या 1/4/2008 आरटीआई, पैरा नंबर 9, दिनांक 25/04/2008 के अंतर्गत प्रश्नों का उत्तर देने का प्रावधान नहीं है। 

यही नही जब महासंघ से नियमों की जानकारी मांगी गई तो उसके उत्तर मे उन्होंने लिखा:- योगासन देख के लिए राष्ट्रीय स्तर के नियमों की जानकारी 172 प्रष्ठों मे तयार है। आप हमारे कार्यालय मे आकर जानकारी देख सकते हैं। 

वहीं जब उनसे योगासन खेल के नियम बनाने वाली कमेटी के सदस्यों के नाम और योग मे उनकी शैक्षिक योग्यता के बारे मे पूछा गया तो उत्तर कुछ इस प्रकार था 

  • श्री उमंग डॉन - निर्देशक
  • श्री चंद्रकांत मिश्रा - संयुक्त निर्देशक
  • डॉ संजय मालपानी - संयोजक
  • श्री नीरज साँधी - सदस्य 
  • डॉ आरती पाल - सदस्य 
  • श्री उत्पल राय - सदस्य 

प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी भी सदस्य की योग मे शैक्षिक योग्यता नहीं बताई गई केवल कमेटी मे पद बताया गया। 

प्राप्त जानकारी रक्षा पाण्डेय जी द्वारा प्रदान की गई । 

इस पर संस्था ने और जानकारी के लिए पुनः आवेदन किया है तथा संस्था के संस्थापक का कहना है कि सारी जानकारी पत्रों के संदर्भों के साथ न्यायलय मे रखी जाएगी और न्यायालय स्वयं यह जानकारी मांगेगी। देख मे हो रहे सबसे बड़े भ्रष्टाचार को अब सबके सामने लाने का समय आ गया है और हमारी टीम इसी काम मे लगी है कि योग मे कानून बना कर सारे भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाए। 

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