कुछ वर्ष पूर्व आयुष परियोजना के नाम पर पंजाब में एक विश्वविद्यालय का निर्माण हुआ था, जिसका नाम रखा गया गया था गुरु रविदास आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, जो कि होशियारपुर में स्थापित हुई थी।
की वर्षों बाद एक समाचार प्राप्त हुआ कि यूनिवर्सिटी के वी सी बदल गए हैं तथा यूनिवर्सिटी को पास ही एक गावं मे स्थान मिल गया है जिसमे उनका कॅम्पस बननेगा। परंतु इसके इलवा तब से अब तक कोई भी आयुष यूनिवर्सिटी वाला कार्य नहीं हुआ।
एक योग छात्र द्वारा RTI के माध्यम से कुछ प्रशन पूछे गए जिसकी प्रतिलिपि हम नीचे दे रहे हैं जो की छात्र द्वारा डिपार्ट्मन्ट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च पंजाब से पूछा गया था, जिस विषय को विभाग द्वारा आगे आयुष यूनिवर्सिटी को भेज दिया गया था आयें पहले जानते हैं उन प्रशनों के बारे मे :-
अगर हम आपको यूनिवर्सिटी के बारे में ज्ञान दें तो उसका विवरण कुछ इस प्रकार से है।
आरंभ मे यूनिवर्सिटी होशियारपुर मे ही आरंभ की गई जो की एक चोटी सी बिल्डिंग मे स्थापित हुई जिसके वी सी के पद पर डॉ ओमप्रकाश उपाध्याय जी को नियुक्त किया गया जो कई वर्षों तक उसी पद पर नियुक्त रहें रिटाइअर्मन्ट के पश्चात भी। उनके साथ साथ श्रीमंत औलख जी भी रेजिस्ट्रार के पद पर नियुक रहे। तथा यूनिवर्सिटी के अधीन 12 आयुर्वेदिक कॉलेज किए गए जो की पहले बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के अधीन थे। इस दरमियान आयुर्वेदाचार्यों तथा आयुर्वेदिक शिष्यों द्वारा कई मुद्दे उठाए गए जिसमे उनके भविष्य को ताक पर रखा गया था ।की वर्षों बाद एक समाचार प्राप्त हुआ कि यूनिवर्सिटी के वी सी बदल गए हैं तथा यूनिवर्सिटी को पास ही एक गावं मे स्थान मिल गया है जिसमे उनका कॅम्पस बननेगा। परंतु इसके इलवा तब से अब तक कोई भी आयुष यूनिवर्सिटी वाला कार्य नहीं हुआ।
एक योग छात्र द्वारा RTI के माध्यम से कुछ प्रशन पूछे गए जिसकी प्रतिलिपि हम नीचे दे रहे हैं जो की छात्र द्वारा डिपार्ट्मन्ट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च पंजाब से पूछा गया था, जिस विषय को विभाग द्वारा आगे आयुष यूनिवर्सिटी को भेज दिया गया था आयें पहले जानते हैं उन प्रशनों के बारे मे :-
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ऊपरोक्त मे पूछे गए प्रशन इस प्रकार हैं
- अलग अलग राज्यों के अंदर योग शिक्षकों का चयन हो रहा है क्या ऐसा कोई बोर्ड अथवा काउंसिल योग से जुड़ी पंजाब मे हैं ?
- उत्तर प्राप्त नहीं हुआ न विभाग द्वारा न आयुष यूनिवर्सिटी द्वारा ।
- दूसरा सवाल है कि अगर ऐसी कोई नीति नहीं है तो कैसे योग्य एवं अयोग्य योग शिक्षक वं थेरपिस्ट पंजाब मे कार्य कर रहे हैं ? ऊनके खिलाफ क्या कानून कारवाई की जा रही है यां बनती हैं ?
- उत्तर प्राप्त नहीं हुआ न विभाग न आयुष यूनिवर्सिटी द्वारा
- अगर नहीं है तो ऐसी काउन्सल बनाने के लिए क्या प्रोसीजर है जिससे योग शिक्षक रजिस्टर हो पाए
- उत्तर नहीं दिया गया
- इस प्रशन को ध्यान से पढ़ें इसमे पूछा गया है कि 2013 से अब तक योग और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए क्या क्या कार्य किए गए हैं और उसके लिए विभाग से भेजे गए पत्रों की जानकारी दें ?
- उत्तर कोई नहीं दिया गया
- केंद्र सरकार द्वारा कितनी वित्तीय मदद की गई है अब तक योग के क्षेत्र मे, तथा एक लिस्ट प्रदान करें पंजाब मे हो रहे योग संबंधी कार्यों की जहां वो मदद इस्तेमाल होई है अथवा हो रही है ?
- उत्तर कोई नहीं न विभाग द्वारा न ही आयुष यूनिवर्सिटी द्वारा
- एक प्रशन यह भी ध्यान से पढ़ें इसमे पूछा गया है कि यदपि योग को लेकर ऐसी कोई कौसिल अथवा बोर्ड गठित नहीं हुआ है तो पंजाब मे योग मे B.Ed. करवाने वाली यूनिवर्सिटी कोई बंद नहीं हो रही अथवा की आयुर्वेदिक कॉलेज भी योग मे डिप्लोमा करवा रहे हैं वो कैसे संभव है ?
- उत्तर फिर कोई प्राप्त नहीं हुआ
- अंतिम प्रशन पंजाब के आयुर्वेदिक कॉलेज मे एक योग विषय आयुर्वेदाचार्यों को पढ़ाया जाता है जिसके लिए एक योग शिक्षक की आवश्यकता होती है पंजाब मे कॉलेज मे योग शिक्षक क्यों नियुक्त नहीं है अगर कहीं हैं तो वो लोग नियुक है जो योग मे स्नातक तक नहीं हैं तथा कथा कथित योग बाबाओं को फॉलो करने वाले नियुक कर दिए गए हैं वो भी अस्थाई रूप से कुछ 5 से 10 हजार वेतन पर । ऐसा कियों ?
- इस प्रशन का उत्तर आयुष यूनिवर्सिटी ने दिया जो इस प्रकार है
इसमे लिखा गया है की उपरोक्त प्रशनों का आयुष यूनिवर्सिटी से लेना देना नहीं है अंतिम प्रशन का उत्तर देते उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी से संबंधित सभी आयुर्वेदिक कॉलेज मे योग शिक्षक नियुक्त है।
अब ध्यान दें यह उत्तर 05 / 03 / 2018 को आता है जबकि मुख्य 3 कॉलेज मे योग शिक्षक नहीं थे प्रमाण स्वरूप सरकारी कॉलेज पटियाला मे ही योग शिक्षक के पद हेतु 5 साल से वैकन्सी खाली है जिसे 2019 मे टेम्परेरी बसेस पर तब भरा गया है जब इसके लिए एक योगशिक्षक द्वारा आवाज उठाई गई ।
जिसके पीछे भी एक षड्यन्त्र यह है कि आने वाले व्ययक्ति को इतना कम वेतन दिया जाए कि वह स्वयं ही छोड़ जाए इसी लिए सरकार ने असिस्टन्ट प्रोफेसर के पद को टेम्परेरी कर दिया ।
कितना अजीब है न - सरकार अपनी खमिया छुपाने मे प्रिन्सपल सेक्टरी को लगाती है और प्रिन्सपल सेक्टरी और अधिकारी अपनी गलतियों से सब बयान कर जाते हैं ।