सभी योग शिक्षकों, योगचार्यों, योग शिष्यों को साधुवाद,
नीचे दी गई तस्वीर स्पष्ट रूप से बयान कर रही है कि किस प्रकार से प्रतियोगिताओं मे धांधली चल रही है जिसमे योग अशिक्षित लोग गलत तरीके से अपनी मनमानी चला रहे हैं।
क्या है शिकायत
इस पत्र मे अखिल भारतीय विप्र संघ ने एक पत्र लिख कर शिकायत की है कि कुछ निजी स्कूलों के योग अध्ययपक जो की योग मे कोई उच्च शिक्षा प्राप्त भी नहीं है अपने स्वार्थ के लिए प्रतियोगिता मे निष्पक्षता को तार तार कर रहें हैं। उद्देश्य केवल यह कि अपनी पाठशाला के बच्चे अधिक से अधिक चयन कर आगे भेजे जा सके जिससे कि उनकी पाठशाला का नाम रौशन हो और उनकी नौकरी बनी रहे और वेतन वृद्धि हो जाए। केवल निजी स्वार्थ के चलते कितने योग्य विधारथियों को अनदेखा कर दिया जाता है ।शिकायत के मुख्य विषय
- योग प्रतियोगिता का पाठ्य विवरण उपलब्ध नहीं करवाया जाता - न ही जिला शिक्षा अध्यक्ष के पास उपलब्ध होता है।
- योग प्रतियोगिता हेतु योग मे शिक्षा प्राप्त व्ययक्तियों की नियुक्ति नहीं की जाती जो इसके नियम, अधिनियम तथा जजमेंट के लिए सिद्धांतों का निर्माण करें। वो लोग जजमेंट करते हैं जो न तो योग मे शिक्षित हैं और न ही स्वयं कोई आसान कर पाते हैं।
- कीसी भी प्रतियोगिता मे शिकायत कॉममेटी होती है जो योग के कीसी भी प्रतियोगिता मे नहीं दिखी। आदि
ऐसा क्यों हो रहा है ?
इस प्रशन का उतर बहुत सरल है यह सब होने के पीछे निनमलिखित कारण है
- सरकार द्वारा योग शिक्षा को ले कर कोई मापदण्डः सुनिश्चित नहीं है
- गैर योग प्रशिक्षित लोग योग प्रतियोगिताओं का संचालन कर रहे हैं
- अशिक्षित योग टीचर पर कोई कारवाई नहीं की जा रही
- +2 पास वाले भी YCB, QCI, जैसे संस्थानों से योग टीचर बन रहें हैं ।
- फिज़िकल एजुकेशन टीचर भी योग सिखाने मे लगे हैं जिनका योग के सिद्धांतों से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं , आदि